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# Yogi government had to bow before the agitating students: UPPSC RO/ARO exam will now be held in one day # योगी सरकार को आंदोलनकारी छात्रों के सामने झुकना पड़ा: UPPSC RO/ARO परीक्षा अब एक दिन में आयोजित होगी

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# योगी सरकार को आंदोलनकारी छात्रों के सामने झुकना पड़ा: UPPSC RO/ARO परीक्षा अब एक दिन में आयोजित होगी

उत्तर प्रदेश में आंदोलनकारी छात्रों की एकजुटता ने आखिरकार योगी सरकार को झुका दिया। प्रयागराज में चार दिनों से धरना दे रहे हजारों छात्रों की मांग थी कि यूपीपीएससी (UPPSC) द्वारा आयोजित RO/ARO परीक्षाओं को एक ही दिन में एक शिफ्ट में पूरा किया जाए। छात्रों के प्रदर्शन ने योगी सरकार को यह निर्देश देने पर मजबूर कर दिया कि उनकी मांगों को स्वीकार किया जाए और परीक्षा को पारदर्शी तरीके से एक ही दिन में आयोजित किया जाए।

इस ब्लॉग में हम इस पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि कैसे छात्रों की एकजुटता और दृढ़ता ने इस संघर्ष को सफल बनाया।

## आंदोलन की पृष्ठभूमि: छात्रों की मांग और सरकार का रुख

UPPSC द्वारा RO/ARO परीक्षाओं को दो दिन में अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया था। छात्रों को इस फैसले से कई समस्याएं थीं, जैसे कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में गड़बड़ियों की संभावना और पारदर्शिता की कमी।

### मुख्य मांगें क्या थीं?

1. **एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करना**: छात्रों की पहली मांग यह थी कि RO/ARO की परीक्षा एक ही दिन में और एक शिफ्ट में आयोजित की जाए ताकि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की आवश्यकता न हो।
2. **पारदर्शिता की गारंटी**: छात्रों ने यह भी मांग की कि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो और किसी भी तरह के पेपर लीक या धांधली की संभावना को खत्म किया जाए।

मांगविवरण
परीक्षा एक दिन में होRO/ARO की परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में हो
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया न होनॉर्मलाइजेशन से छात्रों की रैंकिंग में बदलाव की आशंका थी
पारदर्शिता सुनिश्चित होपेपर लीक की घटनाओं से बचने के लिए निष्पक्षता

प्रयागराज में आंदोलन: छात्रों की एकजुटता और संघर्ष

प्रयागराज में चार दिनों तक छात्रों ने UPPSC के दफ्तर के बाहर धरना दिया। यह धरना शांतिपूर्ण था, लेकिन छात्रों की दृढ़ता और संख्या ने सरकार पर भारी दबाव बनाया। आंदोलन की शुरुआत में ही पुलिस और प्रशासन ने छात्रों को हटाने की कोशिश की, लेकिन छात्रों की एकजुटता के कारण वे इस आंदोलन को नहीं रोक सके।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

प्रारंभ में प्रयागराज के प्रशासन ने छात्रों को आंदोलन स्थल से हटाने की कोशिश की। पुलिस बल और सादा वर्दी में अधिकारियों को भेजा गया, जिन्होंने छात्रों को हटाने का प्रयास किया। कई छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद छात्र डटे रहे। इस संघर्ष ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया और अंततः योगी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया।

योगी सरकार का फैसला: छात्रों की मांगें मानी गईं

आखिरकार, छात्रों की मांगों पर विचार करते हुए योगी सरकार ने UPPSC को निर्देश दिया कि RO/ARO परीक्षाओं को एक ही दिन में और एक शिफ्ट में आयोजित किया जाए। इस फैसले के बाद UPPSC ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की और छात्रों की मांगों के अनुसार परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा की।

योगी सरकार की ओर से जारी निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस मुद्दे का संज्ञान लिया और UPPSC को छात्रों की मांगों के अनुसार परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव करने का निर्देश दिया। UPPSC ने यह भी कहा कि छात्रों की पारदर्शिता से संबंधित चिंताओं पर विचार करते हुए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

फैसलाविवरण
परीक्षा एक दिन में होगीRO/ARO परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित की जाएगी
नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया हटाई जाएगीछात्रों के अनुसार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावना होती है
समिति का गठनपरीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनेगी

आंदोलन का असर: क्यों झुकी सरकार?

इस आंदोलन का असर राज्य सरकार पर बड़ा था। छात्रों की संख्या और उनकी एकजुटता ने सरकार को यह सोचने पर मजबूर किया कि आगामी चुनावों में इस आंदोलन का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। प्रयागराज में फूलपुर उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए, जिसमें छात्रों के परिवार भी बड़े पैमाने पर वोटर होते हैं, योगी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और छात्रों की मांगें मान लीं।

क्यों था यह आंदोलन महत्वपूर्ण?

यह आंदोलन सिर्फ छात्रों के भविष्य से नहीं जुड़ा था, बल्कि इसमें उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और सरकारी फैसलों की जवाबदेही का भी सवाल था। इस आंदोलन ने दिखाया कि संगठित और शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करके कैसे आम जनता अपने अधिकार प्राप्त कर सकती है।

यूपीपीएससी के लिए नई गाइडलाइंस और पारदर्शिता

अब UPPSC की परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं, जो भविष्य की परीक्षाओं को पारदर्शी बनाएंगे। एक समिति का गठन किया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की जाए और किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना न रहे।

बदलावउद्देश्य
समिति का गठनपरीक्षा प्रक्रिया की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना
नॉर्मलाइजेशन का हटनापरीक्षा में निष्पक्षता सुनिश्चित करना
एक दिन में परीक्षाछात्रों को सुविधा और समय की बचत

निष्कर्ष: आंदोलन की सफलता और युवाओं की एकजुटता का महत्व

इस आंदोलन ने यह सिद्ध कर दिया है कि एकजुटता और संगठित प्रयासों के सामने बड़ी से बड़ी सरकार भी झुकने पर मजबूर हो सकती है। छात्रों की इस जीत ने सिर्फ UPPSC परीक्षा प्रणाली में सुधार ही नहीं लाए, बल्कि यह भी दिखाया कि युवा वर्ग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकता है। योगी सरकार का यह निर्णय दिखाता है कि जब जनता अपनी आवाज उठाती है और संगठित रहती है, तो उसे अपने अधिकारों की प्राप्ति होती है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. यूपीपीएससी की RO/ARO परीक्षा अब कितने दिन में होगी?
अब UPPSC की RO/ARO परीक्षा एक ही दिन में और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी।

2. क्या UPPSC की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी?
हां, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

3. छात्रों ने क्यों विरोध किया था?
छात्रों का विरोध परीक्षा के दो दिन में आयोजित होने, नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया और पारदर्शिता की कमी को लेकर था।

4. क्या नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अब हटाई जाएगी?
हां, नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को हटाने का निर्णय लिया गया है ताकि परीक्षा निष्पक्ष तरीके से हो।

5. क्या इस आंदोलन से आगामी चुनावों पर असर पड़ेगा?
हां, इस आंदोलन का चुनावों पर असर हो सकता है, क्योंकि इससे योगी सरकार को छात्रों के समर्थन की आवश्यकता का अहसास हुआ है।


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